उनकी रुसवाई का आलम, कुछ यूँ हुआ
बादशाह उनका और इक्का मेरा हुआ
सारे अनगिनत तारें उनके हुए, सिर्फ एक चाँद मेरा हुआ
कमबख़्त आज भी भटक रही है, अपने मर्ज के इलाज में
उन्हें पता ही नहीं, उनके हर मर्ज की दवा मैं हुआ...

Unki ruswai ka aalam, Kuch un Hua
Badshah unka aur ekka mera hua
Sare anginat taren unke Huy, Sirf ek chand mera hua
Kambakht aaj bhi bhatak rahi hai, Apne marz ke elaz mein
Unhe pata hi nahi, Unke har marz ki dawa main Hua...


Share It on

Popular posts from this blog